Humsafar - 1 in Hindi Love Stories by Smile books and stories PDF | हमसफ़र - 1

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हमसफ़र - 1

भाग१

गुड.... गुड.... गुड मॉर्निंग....
मैं हूं रेडिओ का वन अँन्ड ओन्ली कवारा...
आप सबका लाडला , आर.जे. साहिल... आवारा...
स्वागत करता हूं आपकी अपनी "रेडिओ की दुनियां" 99.9 FM पर आपके मनपसंद शो में जिसका नाम है "अजीब दास्तां" जहां मैं आपको सुनाता हूं कुछ ऐसी कहानियां जो आपके दिल को छू जाए...
तो चलिए शुरूवात करते है हमारी कहानी :
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तो कल हमने देखा, की निधी और रौनक आखिर शादी के लिए हा कर देते हैं...
दोनों के घरवाले बहुत ख़ुश होते है.
निधी के घरवाले ख़ुशी से रौनक के घर फ़ोन करते है, दोनों तरफ से सगाई की तारीख़ और तैयारी तक बातचीत शुरू हो जाती है, निधी बिना कुछ कहे अपने कमरे में चली जाती हैं... उसे खुद समझ नहीं आता कि क्या वो इस बात से खुश हो कि रौनक जैसा समझदार हमसफ़र उसे मिल रहा है या फ़िर शादी हो रही है इस बात से नाराज़ हो...
सबकुछ इतना जल्दी कैसे हो रहा है?
क्या मुझे थोड़ा और समय लेना चाहिए था ?
क्या फर्क पड़ता? अगर मुझे रौनक पसंद नहीं होता तो मैं आज ही मना करती और २ हफ़्ते बाद भी मना ही करती.
लेकीन मैने ऐसा किया नहीं, क्यों नहीं किया मैने?
कितना कन्फ्यूजन है यार
वो सुबह ही मुलाकात के बारे में सोचने लगती है....

निधी :- रौनक तुम जानते हो,
मैं... मैं नहीं हूं तयार शादी के लिए इतनी जल्दी.

रौनक:- अच्छा मुझे सिर्फ़ एक बात बताओ.
मैं प्रॉमिस करता हूं की मैं किसी के सामने कभी इस बात का जिक्र नहीं करूंगा,
पर प्लीज़ अपने दिल पे हाथ रखके सच सच बताना...
" क्या तुम्हारी जिंदगी में कोई और है?
या तुम्हें कोई और पसंद है ? "

निधी :- रौनक...

रौनक :- देखो निधी, कुछ दिनों के बाद शायद बहुत देर हो जाएं, फिर हम इस तरह बात ना कर पाएं, इसीलिए, अगर ऐसी बात है तो मैं अपनी तरफ से मना कर दूंगा, तुम्हे टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है.
और मैं खुद तुम्हारे घरवालोंको मनाऊंगा की तुम्हारी शादी तुम्हारे पसंद के लड़के से ही कराए... प्रॉमिस...
लेकिन तुम्हारी मर्जी के खिलाफ ये शादी... मैं नहीं निभा पाऊंगा

निधी :- ऐसा कुछ भी नहीं है रौनक, वो बस सबकुछ इतना जल्दबाजी में हो रहा हैं कि मैं कुछ सोच नहीं पा रही हूं...

रौनक :- देखो निधी, मैं जानता हूं, तुम अपने खयालों में जीने वाली, अपनी ही दुनियामें ख़ुश रहने वाली, आजाद खयालों की लड़की हो...
लेकीन एक दिन किसी से तो शादी करनी ही पड़ेगी ना तुम्हें, तो एकबार मुझे मौका देकर तो देखो,
हा मानता हूं, मैं तुम्हारे सपनों के राजकुमार जितना स्मार्ट, रोमेंटिक तो नहीं हूं लेकीन हा एक वादा करता हूं कि मैं जिंदगीभर तुमसे ऑनेस्ट रहूंगा, तुम्हारे लिए दुनियां भर की खुशियां शायद ही मैं ना ला सकू लेकीन, कभी तुम्हारा दिल नहीं दुखाऊंगा...
अब....
फ़ैसला मैं तुम पर छोड़ देता हूं....
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साहिल :-

अब क्या होगा निधी का फैसला ? क्या रौनक की तरफ़ से बढ़ाए गए दोस्ती के हाथ को निधी थामेगी? क्या निधी अपने फ़ैसले पर टिकी रहेगी ? जानने के लिए सुनते रहिए 99.9 FM.... रेडियो की दुनियां....
तो चलिए दोस्तों अब वक़्त हो गया हैं आप सबको अलविदा कहने का... और जाते जाते ये बेहद ख़ूबसूरत तोहफा
के.के. जी की जादुई आवाज में फिल्म "मैं प्रेम की दीवानी हूं" से, ख़ास मेरे दर्शकों के लिए....
( गाना शुरू होता हैं :
लड़का ये कहता है लड़की से…
होठों पे दबी दबी हसीं से...
आया हूं दूर से... करने मैं दोस्ती
हाथ मिला लो अजनबी से....
जान लो... मान को... चेहरा मेरा... पहेचान लो...
लड़का ये कहता है लड़की से

क्यो डरती हो, दिल नहीं तोड़ूंगा
मैं तेरा साथ नहीं छोडूंगा
मुझको कभी आजमा लो जी
तुमसे... कभी मूह ना मोडूंगा....

लड़का ये कहता है लड़की से
दे दो जवाब मुझे जल्दी से...
आया हूं दूर से... करने मैं दोस्ती
हाथ मिला लो अजनबी से....
जान लो... मान को... चेहरा मेरा... पहचान लो...
लड़का ये कहता है लड़की से )